कोरोना का खौफ: शिमला में होली पर नहीं मिलेगी चीन की पिचकारी और रंग
चीन में फैले कोरोना वायरस का असर होली के कारोबार पर भी नजर आने लगा है। व्यापारियों ने इस बार होली में बिकने वाले चीन निर्मित सामान की डिमांड नहीं भेजी है। व्यापारियों का कहना है कि करोना वायरस के खौफ के चलते उन्होंने चीन निर्मित सामान नहीं मंगवाया है। करोना वायरस सामान के छूने से भी फैलता है। कहा कि पहले स्वास्थ्य है फिर मनोरंजन। इस बार होली पर देसी गुलाल की ही धूम रहने के आसार हैं। होली का त्यौहार 10 मार्च को मनाया जाएगा। रंगों के इस त्यौहार में हर साल लाखों रुपये का कारोबार होता है।
 

रंगों के इस त्योहार में इस बार चीन निर्मित पिचकारियों और अन्य सामान नजर नहीं आ रहा। होली पर सबसे ज्यादा चीन निर्मित पिचकारियां ही बिकती हैं। कोरोना वायरस के चलते वहां से आने वाले सामान पर रोक और खौफ के चलते सप्लाई नहीं मिल रही। राजधानी के व्यापारियों ने होली के रंगों की डिमांड कर दी है और पिचकारी की किसी भी व्यापारी ने डिमांड नहीं की है। व्यापारियों का साफ कहना है कि चीन का कोई भी सामान शिमला में नहीं लाया जाएगा। इस साल होली के रंग भी मेड इन इंडिया ही होंगे।

मेड इन इंडिया ही होगा सामान 
होली के त्योहार में बच्चों की पसंदीदा पिचकारी ही होती है। ऐसे में चीन निर्मित पिचकारियों के अलग-अलग डिजाइन बच्चों को बहुत पसंद आते हैं। यह पिचकारियां सस्ती मिलती हैं। इस साल बच्चों को देसी पिचकारियां ही मिलेंगी।


शहर में नहीं आएगा इस बार चीन निर्मित सामान 



लोअर बाजार के व्यापारी अखिलेश ने कहा कि अभी होली के रंगों और पिचकारियों की सूची ही बनाई है। कोई आर्डर नहीं दिया है। इस बार सबसे ज्यादा ध्यान यही रखा जा रहा है कि शहर में कोई भी चीन निर्मित रंग या पिचकारियां न पहुंचें। व्यापारी हितेश चौहान ने कहा कि होली के रंग मंगवा लिए हैं लेकिन यह रंग मेड इन इंडिया ही होंगे।

व्यापारी बंटी ने कहा कि पिछली साल की कुछ पिचकारियां बची हैं लेकिन वह बहुत कम हैं ऐसे में मेड इन इंडिया पिचकारी ही मंगवाई है यह थोड़ी मंहगी होंगी। व्यापारी कमलेश कुमार ने कहा कि कोरोना वायरस सामान को छूने से भी फैलता है ऐसे में चीन का माल लाना खतरे से खाली नहीं। इस साल की होली में हम मेड इन हिमाचल का इस्तेमाल ही करेंगे।